Up Board Exam 2023: 'योगी जी की जय... पावर ऑफ बुलडोजर', छात्रों ने कॉपियों में लिखीं अजब बातें, परीक्षक हैरान
UP Board Exam 2023: यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं पर कुछ छात्रों ने प्रश्न के उत्तर की जगह हास्यापद बातें लिखीं है, जिन्हें पढ़कर परीक्षकों की हंसी छूट रही है। बदायूं और बरेली में मूल्यांकन के दौरान कई कॉपियों में इस तरह की बातें लिखी मिलीं।
यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन चल रहा है। कुछ छात्रों ने कॉपियों में उत्तर की जगह अजब-गजब बातें लिखी हैं, जिन्हें पढ़कर परीक्षकों की हंसी छूट रही है। कॉपियों में रुपये भी मिल रहे हैं। बदायूं में मूल्यांकन के दौरान एक उत्तर पुस्तिका पर लिखा मिला कि सॉरी, याद नहीं कर पाए, योगी जी की जय हो। इस तरह के मामले चर्चा का विषय बने हुए हैं।
यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान परीक्षार्थियों ने उत्तर पुस्तिकाओं में 50 से 500 रुपये तक के नोट रख दिए थे, जो अब मूल्यांकन के दौरान शिक्षकों को मिल रहे हैं। इसके अलावा उत्तर पुस्तिकाओं में हास्यापद बातें भी लिखी गई है। शुक्रवार को मूल्यांकन के दौरान एक उत्तर पुस्तिका में लिखा था कि याद नहीं हुआ... सॉरी। पॉवर ऑफ बुलडोजर बाबा... योगी जी की जय हो।
एक शिक्षक ने बताया कि वह पिछले 10 वर्षों से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर रहे हैं, पिछले कुछ वर्षों से शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। इसकी मुख्य वजह ये है कि अब बच्चों का रुझान यूपी बोर्ड से कम होने लगा है और सीबीएसई की तरफ ज्यादा है। यूपी बोर्ड में अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले बच्चे हैं। हालांकि उन्हें बेहतर पढ़ाई कराई जा रही है, लेकिन इस तरह की बातें शरारती बच्चे लिख देते हैं।
'मैं बहुत गरीब परिवार से हूं, प्लीज पास कर दीजिए'
बरेली में शुक्रवार को एक मूल्यांकन केंद्र पर एक कॉपी में लिखा मिला कि मैं बहुत गरीब परिवार से हूं, आप मैडम हों या सर, प्लीज मुझे पास कर दीजिए, वरना मेरी पढ़ाई छुड़वा दी जाएगी। कुछ अन्य कॉपियों में भी परीक्षार्थियों ने इस तरह की अनावश्यक बातें लिखी हैं।
कॉपियों में लिखे मनगढ़ंत तथ्य परीक्षकों के लिए चुनौती साबित हो रहे हैं। कई परीक्षार्थियों ने शुरुआत में अच्छी राइटिंग में तथ्यपरक उत्तर लिखे हैं, लेकिन दो-तीन पन्नों के बाद लिखावट काफी खराब हो गई है। उत्तर समझ में नहीं आ रहे हैं। कॉपियों के अंत तक पहुंचते-पहुंचते परीक्षक यह भी नहीं समझ पा रहे हैं कि परीक्षार्थी ने क्या लिखा है।
कॉपियों में लिखे मनगढ़ंत तथ्य परीक्षकों के लिए चुनौती साबित हो रहे हैं। कई परीक्षार्थियों ने शुरुआत में अच्छी राइटिंग में तथ्यपरक उत्तर लिखे हैं, लेकिन दो-तीन पन्नों के बाद लिखावट काफी खराब हो गई है। उत्तर समझ में नहीं आ रहे हैं। कॉपियों के अंत तक पहुंचते-पहुंचते परीक्षक यह भी नहीं समझ पा रहे हैं कि परीक्षार्थी ने क्या लिखा है।
Comments
Post a Comment